दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) से युवाओं को क्या है फायदा?
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना से युवाओं को क्या है फायदा?
DDU-GKY ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ग्रामीण
आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों में से एक है.
केंद्र सरकार ने ग्रामीण युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दीन दयाल
उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) शुरू की है. DDU-GKY को 25 सितंबर 2014 में शुरू किया गया था.
केंद्र की इस योजना का उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को सरकार द्वारा स्किल
देने के बाद निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर के वेतन पर रोजगार
उपलब्ध कराना है.
DDU-GKY ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ग्रामीण
आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों में से एक है. इस योजना का मकसद
ग्रामीण आबादी की गरीबी में भी कमी लाना है.
सरकार का लक्ष्य DDU-GKY से 5.5 करोड़ से अधिक ग्रामीण युवाओं को कुशल बनाने और उसके बाद
रोजगार उपलब्ध कराना है.
क्या हैं DDU-GKY के उद्देश्य?
ग्रामीण इलाके में 15-35 साल के युवाओं की कुशलता विकसित कर उन्हें रोजगार के लायक
बनाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. कुशलता विकसित होने और उसके बाद रोजगार के
मौके पाने से अंत में युवाओं की आर्थिक स्थिति बेहतर बनेगी.
DDU-GKY के जरिये सरकार इन युवाओं में कुशलता विकसित कर रोजगार या
स्व रोजगार के स्थायी विकल्प उपलब्ध कराना चाहती है.
कौन से कदम शामिल हैं DDU-GKY योजना में
·
रोजगार के अवसर के बारे में
ग्रामीण समुदाय के भीतर जागरूकता बढ़ाना.
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गरीब ग्रामीण युवाओं की
पहचान करना.
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रोजगार पाने के अवसर ढूंढने
वाले ग्रामीण युवाओं को जुटाना.
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गरीब युवाओं और उनके
माता-पिता की काउंसिलिंग.
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योग्यता के आधार पर कुशलता
विकसित करने के लिए युवाओं का चयन. रोजगार के अवसर के हिसाब से ज्ञान,
·
उद्योग से जुड़े कौशल और
विजन उपलब्ध कराना.
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ऐसी नौकरी देना जिनका
सत्यापन स्वतंत्र तरीके से किया जा सके. इसमें युवाओं को न्यूनतम मजदूरी से ज्यादा
भुगतान मिल सके.
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नियुक्ति के बाद व्यक्ति की
सतत आय में मदद उपलब्ध कराना
क्या हैं DDU-GKY के लाभ?
- जरूरी प्रशिक्षण
उपलब्ध कराने से युवाओं के करियर में प्रगति
- विकास की मदद से
गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों को सक्षम बनाना
- ग्रामीण इलाके से
पलायन कम करना
- ज्यादा से ज्यादा
लोगों की पहुंच रोजगार तक सुनिश्चित करना
DDU-GKY में किसकी कितनी हिस्सेदारी?
DDU-GKY में सामाजिक रूप से वंचित
समूह को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें उम्मीदवारों का पूरा सामाजिक समावेश
सुनिश्चित करने का लक्ष्य है. इस योजना के लिए आवंटित धन का 50% अनुसूचित
जाति-जनजाति, 15% अल्पसंख्यकों के लिए और 3% विकलांग
व्यक्तियों के लिए निर्धारित किया गया है.
इस तरह के कुशलता कार्यक्रम में युवाओं की संख्या में एक
तिहाई संख्या महिलाओं की रखी गयी है.
जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय युवाओं के लिए हिमायत नाम की एक विशेष स्कीम शुरू
की गयी है. यह केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से राज्य एडीएसपी के तहत चल
रही है. इसमें शहरी, ग्रामीण युवाओं और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) एवं गरीबी
रेखा से ऊपर ( एपीएल) के युवाओं को भी शामिल किया गया है.
आदिवासी क्षेत्रों और महत्वपूर्ण वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों
के लिए एक विशेष योजना रोशनी शुरू की गयी है. यह योजना अलग-अलग समय अवधि के हिसाब
से युवाओं को कुशलता से जुड़ी ट्रेनिंग देती है.
कैसे काम करता है
डीडीयू-जीकेवाई?
DDU-GKY एक तीन स्तर की कार्ययोजना है. नीति निर्माण, तकनीकी सहायता और कामकाजी
एजेंसी के रूप में डीडीयू-जीकेवाई राष्ट्रीय यूनिट ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत
काम करता है. DDU-GKY से जुड़े राज्य मिशन इसके कामकाज में मदद करते हैं.
परियोजना में शामिल एजेंसियां स्किलिंग और प्लेसमेंट में मदद करती हैं.
DDU-GKY में कितनी मदद
मिलती है?
डीडीयू-जीकेवाई के तहत कुशलता विकसित करने के कार्यक्रम में 25,696 से लेकर 1 लाख रुपये प्रति व्यक्ति तक
की वित्तीय सहायता मिल सकती है. यह वास्तव में परियोजना की अवधि और ट्रेनिंग योजना
के प्रकार (आवासीय या गैर आवासीय) पर निर्भर करता है.
डीडीयू-जीकेवाई 576 घंटे (3 महीने) से लेकर 2,304 घंटे (12 महीने) तक के प्रशिक्षण के
लिए वित्तीय सहायता देता है.
कौन-कौन से सेक्टर
हैं शामिल?
डीडीयू-जीकेवाई के तहत खुदरा कारोबार, हॉस्पिटैलिटी, स्वास्थ्य, निर्माण, ऑटो, चमड़ा, बिजली, पाइपलाइन, रत्न और आभूषण आदि क्षेत्र
में युवाओं को कुशलता की ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें एक मात्र शर्त यह है कि
कुशलता मांग आधारित होनी चाहिए. साथ ही ट्रेनिंग के लिए शर्त यह भी है कि कम से कम
75% युवाओं को रोजगार मिलना
चाहिए.
DDU-GKY की एजेंसी चुनने
में प्राथमिकता के मानदंड
- विदेश
में प्लेसमेंट पर जोर
- कैप्टिव
रोजगार: उन संगठनों को जो अपनी नियुक्ति को भरने के लिए कौशल प्रशिक्षण कर
रहे हों
- उद्योग
इंटर्नशिप: उद्योग के साथ इंटर्नशिप के लिए समर्थन और वित्तीय सहायता
- चैंपियन
नियोक्ता: ऐसी एजेंसी जो 2 साल में डीडीयू-जीकेवाई के 10,000 युवाओं को कुशलता का प्रशिक्षण
और प्लेसमेंट दे सके.
- प्रतिष्ठित
शिक्षण संस्थान: नैक की कम से कम 3.5 ग्रेडिंग वाले संस्थान, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
(यूजीसी) या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से वित्त पोषित सामुदायिक कॉलेज
को भी योजना के तहत ट्रेनिंग सेंटर खोलने की मंजूरी मिल सकती है..
DDU-GKY
में कवरेज कितनी
है?
डीडीयू-जीकेवाई पूरे देश में लागू है. इस समय योजना देश के 33 राज्यों/संघ शासित प्रदेश के 610 जिलों में 202 से अधिक एजेंसियों के साथ चल
रही है.
डीडीयू-जीकेवाई योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट पर जा
सकते हैं
डीडीयू-जीकेवाई योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट पर जा
सकते हैं:
https://www.india.gov.in/hi/spotlight/दीन-दयाल-उपाध्याय-ग्रामीण-कौशल्य-योजना
आपको DDU-GKY के बारे में यहां से भी जानकारी मिल सकती है: http://ddugky.gov.in/
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YEAR 2021